दूसरा सेल्समेन नाइजीरिया पहुँचता है, अगले दो तीन दिनों तक गॉँवो और शहरों का दौरा करने के बाद बहुत ख़ुशी और उत्साह से अपने मैनेजिंग डायरेक्टर को टेलीग्राम करता है की ” इस देश में कोई भी व्यक्ति जूता नहीं पहनता हैं, इसलिए जूतों के बिज़नेस की बहुत बड़ी संभावना है, पूरा देश अपना बहुत बड़ा मार्केट है और कोई प्रतिद्वंद्वी (Competition) भी नहीं है, जूते के 2 कंटेनर भेज दीजिये,मैं यही रहूँगा और बिज़नेस का विस्तार करूँगा !”
दोनों सेल्समेन के लिए प्रॉब्लम एक ही थी ,लेकिन दोनों के सोचने का नजरिया अलग अलग था ! एक के लिए बिज़नेस की बहुत बड़ी सम्भावना थी , एक के लिए बिज़नेस की कोई उम्मीद नहीं थी ! एक के लिए ग्लास आधा भरा था, एक के लिए ग्लास आधा ख़ाली था , एक की सोच नकारात्मक थी , एक की सोच सकारत्मक थी !
बिज़नेस करना हमेशा से ही ,जोखिम भरा और चुनौतीपूर्ण रहा है और कोरोना की वजह से अनिश्चितता और चुनौतियां कई गुना बढ़ गयी है ! इस समय जरूरत है अपने नज़रिये को बदलने की , आउट ऑफ़ बॉक्स सोचने की ,नयी संभावनाओं की तलाश करने की, बिज़नेस में टेक्नोलॉजी के प्रभावी रूप से समावेश करने की, बिज़नेस रणनीति को समय के अनुसार बदलने की, बिज़नेस में खर्चों को नियंत्रण में रखने का और सबसे महत्वपूर्ण हे , सकारत्मक सोच ( Positive Attitude ) का !
मैनेजमेंट की कक्षा में शिक्षक ने छात्रों से पूछा की ज़िन्दगी में सफलता ( Success ) का सबसे बड़ा क्या राज है ? एक छात्र ने कहा कठिन परिश्रम ( Hard Work ), दूसरे छात्र ने कहा, भाग्य ( Luck ), तीसरे छात्र ने कहा ,अनुभव ( Experience ), चौथे ने कहा, ज्ञान ( Knowledge ), पांचवे ने कहा नेतृत्व क्षमता ( Leadership ), छटे ने कहा ईमानदारी ( Honesty ), अलग अलग छात्रों ने अपने अनुभव के हिसाब से अपने विचार रखे !
शिक्षक ने सबकी बात सुनी और कहा ” आप सबके जवाब सही है और सफलता पाने के लिए इन सभी गुणों का होना आवश्यक है , दृष्टिकोण ( Attitude )” उन्होंने बताया अगर अंग्रेजी के A से Z को 1 से 26 नंबर इस तरह से दें :
H+A+R+D+W+O+ R+K
8+1+18+4+23+ 15+18+11 = 98%
K+N+O+W+L+E+ D+G+E
11+14+15+23+ 12+5+4+7+ 5 = 96%
Luck ?
L+U+C+K
12+21+3+11 = 47%
L+E+A+D+E+R+ S+H+I+P
12+5+1+4+5+18+ 19+9+16 = 89%
A+T+T+I+T+U+ D+E
It is OUR ATTITUDE towards Life and Work that makes OUR Life 100% ! ! !
मैनेजमेंट मंत्रा :
“नज़र को बदलो तो नज़ारे बदल जाते है , सोच को बदलो तो सितारें बदल जाते है !
कश्तियाँ बदलने की ज़रुरत नहीं , दिशा को बदलो किनारे खुद ब खुद बदल जाते है !”